अहिल्या जयंती तो निमित्त है, दिल्ली पर राष्ट्रीय समाज का शासन मेरा ध्येय है : महादेव जानकर
राष्ट्रीय समाज पार्टी द्वारा पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की 298वीं जयंती के अवसर पर नई दिल्ली में समारोह आयोजित
- अहिल्याबाई हमारी संस्कृति की रक्षक थी : नितिन गडकरी
- महादेव जानकर मेरे बड़े भाई हैं : पंकजा ताई मुंडे
नई दिल्ली। ‘हम देश की आदर्श शासिका पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के वंशज हैं। अब सरकार की भेड़-बकरी योजना के झुनझुने में नहीं उलझेंगे, हां शासक थे और अब फिर शासन करने वाली जमात बनेंगे। अहिल्या जयंती तो निमित्त है, दिल्ली मेरा निशाना है... चौंडी से शुरूवात थी, दिल्ली फतह कर राष्ट्रीय समाज को शासक बना, आरक्षण मांगने वाले समाज की बजाय आरक्षण देने वाला समाज बनाना मेरे जीवन का मकसद है।’ यह बात राष्ट्रीय समाज पक्ष के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं महाराष्ट्र के वर्तमान एमएलसी राष्ट्रनायक महादेव जानकर ने यहां 31 मई को राष्ट्रीय समाज पार्टी द्वारा पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की 298वीं जयंती के अवसर पर श्री सत्य साईं इंटरनेशनल आॅडिटोरियम में आयोजित समारोह में कही। श्री जानकर ने कहा कि रासपा द्वारा दिल्ली में लगातार दूसरी बार अहिल्याबाई जयंती का आयोजन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ‘हम देश की आदर्श शासिका पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के वंशज हैं। अब सरकार की भेड़-बकरी योजना के झुनझुने में नहीं उलझेंगे, हां शासक थे और अब फिर शासन करने वाली जमात बनेंगे। अहिल्या जयंती तो निमित्त है, दिल्ली मेरा निशाना है... चौंडी से शुरूवात थी, दिल्ली फतह कर राष्ट्रीय समाज को शासक बना, आरक्षण मांगने वाले समाज की बजाय आरक्षण देने वाला समाज बनाना मेरे जीवन का मकसद है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई के जन्मस्थान चौंड़ी से 24 वर्ष पूर्व हमने जयंती मनाने की शुरूआत की थी जो अब पूरे देश में मनाई जा रही है। महाराष्ट्र में यह जयंती शासकीय स्तर पर मनाई जाने लगी है और चौंड़ी में बहुत विकास भी हुआ है लेकिन हमें भेड़-बकरी में ही नहीं फंसना है। मेरे समाज को सत्ता हासिल करने के लिए संघर्ष करना होगा। चार राज्यों में रासपा को राज्यस्तर की मान्यता मिल चुकी है, यदि दो और राज्यों में मान्यता मिल जाएगी तो दिल्ली में रासपा को सरकारी कार्यालय मिल जाएगा। श्री जानकर ने कहा कि यदि गोपीनाथ मुंडे जीवित होते तो निश्चित रूप से आज मैं केन्द्र सरकार में मंत्री होता। उन्होंने कहा कि मैंने लोकसभा के चार चुनाव लड़े हैं, बेशक मैं कोई चुनाव नहीं जीत पाया लेकिन जहां-जहां मैंने चुनाव लड़ा वहां मेरी पार्टी बहुत मजबूत हुई है। अगला चुनाव मैं उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर संसदीय सीट से लड़ूंगा। उन्होंने कहा कि धनगर समाज में बहुत बड़े-बड़े पूंजीपति है लेकिन हमें अभी चंदा कम मिलता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही श्रीमती पंकजा ताई मुंडे की ओर इशारा करते हुए महादेव जानकर ने कहा कि बहन, आप चिंता न करो, रासपा ही आपको मुख्यमंत्री बनाएगी। अन्य दलों से तालमेल के बारे में बोलते हुए श्री जानकर ने कहा कि अब हम समर्थन मांगने के लिए किसी के पास नहीं जाएंगे, जिसे जरूरत होगी वह हमारे पास आएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सीमेंट कंक्रीट की तथा कांग्रेस डामर की सड़क पर दौड़ रही है जबकि हमारा रास्ता कच्ची सड़क पगडंडी का है। महाराष्ट्र व गुजरात में रासपा बहुत मजबूत स्थिति में है जबकि दिल्ली व उत्तर प्रदेश में संगठन की स्थिति सुधारने के लिए हम प्रयासरत है। उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव तक हम यहां भी काफी मजबूत स्थिति में होंगे।
कार्यक्रम का उद्घाटन केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया। उन्होंने दिल्ली में लगातार दूसरी बार अहिल्याबाई जयंती मनाने के लिए महादेव जानकर की सराहना की। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई का मेरे जीवन पर विशेष प्रभाव है। मैंने बचपन में उनकी जीवनी पढ़ी थी। मेरी मां ने मराठी में एक किताब लिखी थी जिसमें अहिल्याबाई के बारे में काफी जानकारी थी। अहिल्याबाई हमारी संस्कृति की रक्षक थी। उन्होंने मंदिरों व धर्मशालाओं का जीर्णोद्धार कर भारतीय संस्कृति को बचाने का कार्य किया था। श्री गडकरी ने कहा कि अन्य देशों की तरह हमारे देश में भी धर्मस्थलों को साफ-सुथरा रखने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। मेरे मंत्रालय ने अनेक धर्मस्थलों को अच्छी सड़कों से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि मैं जातिवाद को नहीं मानता, किसी भी व्यक्ति को उसकी जाति से नहीं गुणों से पहचाना जाता है। अहिल्याबाई किसी एक समाज की नहीं बल्कि सर्व समाज की देवी थीं। उनसे प्रेरणा लेकर कार्य करें। श्री गडकरी ने कहा कि दुर्भाग्य से वर्तमान समय में राजनेता स्वार्थी होते जा रहे हैं जबकि उन्हें सर्व समाज के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयास करना चाहिए। श्री गडकरी ने अपने कार्यकाल के जनसेवा के अनेक उदाहरण दिये जिनसे बड़ी संख्या में लोगों की आय बढ़ी है। उन्होंने महादेव जानकर से अनुरोध किया कि वे समाज को समृद्ध व संपन्न बनाने की दिशा में प्रयास करें क्योंकि वंचितों, शोषितों व पिछड़ों को विकास का उजाला दिखाने की जरूरत है। श्री गडकरी ने कहा कि धनगर समाज न्यूजीलैंड व आस्ट्रेलियाई मूल की भेड़ों की प्रजाति विकसित कर अपनी आय बढ़ा सकता है। इसी प्रकार ब्राजील की गीर जाति की गाय के बीज से हमारे यहां भी उन्नत प्रजाति की गाय पैदा की जा सकती हैं। श्री गडकरी ने बताया कि इजराइल की एक फैक्ट्री में 36 प्रकार का चीज बकरी के दूध से तैयार होता है जो काफी प्रसिद्ध है। हमें भी अपने देश में इसी प्रकार के कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व केबिनेट मंत्री श्रीमती पंकजा ताई मुंडे ने कहा कि महादेव जानकर मेरे बड़े भाई हैं क्योंकि मेरे पिताजी स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे ने उन्हें पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर के जन्मस्थान चौंड़ी अहमदनगर में 31 मई 2014 को अपना राजनैतिक वारिस घोषित किया था। राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी मेरा मायका है इसलिए मेरा आधा ध्यान इधर ही रहता है। उन्होंने कहा कि राजनीति में मेरी आदर्श स्वर्गीय सुषमा स्वराज हैं। पुण्यश्लोक अहिल्या देवी धर्म रक्षक थीं, उन्हीं की प्रेरणा से मैंने भी अपने जीवन में अनेक कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछड़ों को आगे लाना ही सही नायक का कार्य है और इसी के लिए राष्ट्रीय समाज पक्ष का जन्म हुआ है। इसके लिए उन्होंने कहा कि ‘इत्र से कपड़ों को महकाना कोई बड़ी बात नहीं, मजा तो तब है जब खुशबू किरदार से आए।’ महादेव जानकर ने समाजसेवा के लिए शादी नहीं की जोकि बहुत बड़ा त्याग है। उन्होंने कहा कि किसी भी लड़ाई को हारने से किसी की महानता कम नहीं होती। महारानी लक्ष्मीबाई और महाराणा प्रताप को युद्ध में पराजय मिली थी फिर भी वे महान कहलाते है क्योंकि उन्होंने अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया था। मैंने अपने पिता से सीखा है कि ‘रुकना नहीं, थकना नहीं और झुकना नहीं।’ महादेव जानकर के बारे में पंकजा ताई मुंडे ने कहा कि ‘पत्थर पर लिखी इबारत हूँ मैं, शीशे से कब तक तोड़ोगे।’
कार्यक्रम का संचालन करते हुए रासप के राष्ट्रीय महासचिव कुमार सुशील पाल ने बताया कि जानकर जी ने वर्ष 1990 में चौंड़ी से अहिल्याबाई जयंती की शुरूआत की थी और तभी उन्होंने अपना अखबार यशवंत नायक भी निकाला था। उन्होंने ही महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती कटींगुण , खटाव जिला सतारा तथा राजे उमाजी नाइक की जयंती भिवंडी ,पुरंदर जिला पुणे से शुरू की थी। हमने 2024 में दिल्ली फतेह का लक्ष्य रखा है, अब हमें हमारा स्वराज चाहिए।
कार्यक्रम में आए रासपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष काशीनाथ मौर्या ने बताया कि वे महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों से पार्टी के प्रत्याशी उतारने के लिए प्रयासरत हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व राज्यमंत्री श्रीमती जानकी पाल ने कहा कि हमें अहिल्या वंशज होने पर गर्व है। उन्होंने श्री जानकर का आह्वान किया कि वे समाज को आगे बढ़ाने का प्रयास करें। साथ ही समाज से भी अपील की कि महादेव जानकर का साथ दे। रासप के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष चंद्रपाल ने कहा कि यह महादेव जानकर की ही देन है कि उन्होंने जनजागरण के माध्यम से देवी अहिल्या के प्रति चेतना जागृत की जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां काशी विश्वनाथ में देवी अहिल्या की प्रतिमा लगवाई वहीं उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने भी अधिकारिक रूप से जयंती मनाई। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि अहिल्याबाई जयंती के अवसर पर केन्द्र सरकार 2000 करोड़ रुपये की अहिल्याबाई युवा समृद्धि योजना शुरू करे। रासप के उत्तर प्रदेश के अवध प्रांत प्रभारी अनुपम पाल ने लोगों से अपील की कि वे एकजुट होकर महादेव जानकर के सपनों को साकार करें ताकि देश में अहिल्याबाई के न्यायप्रिय शासन की पुन: स्थापना हो सके। रासप के कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष सुनील किन्नूर ने बताया कि इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने चार जिलों की सात सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। वे चुनाव तो नहीं जीत सके लेकिन उन्हें जनता का काफी प्यार मिला। कर्नाटक में लोकसभा की सभी 28 सीटों पर हम अपने प्रत्याशी उतारने के लिए प्रयासरत हैं। दिल्ली के उद्योगपति जॉन गोयल ने घोषणा की कि दिल्ली में रासपा का शीघ्र ही कार्यालय खुल जाएगा जिसके बाद हम पूरे एजेंडे के साथ कार्य करेंगे। रासप के पूर्व अध्यक्ष एवं रासेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. एल अक्कीसागर ने बताया कि देश में वर्ष 1994 से पहले देवी अहिल्याबाई होलकर की केवल पुण्यतिथि मनाई जाती थी, सबसे पहले वर्ष 1996 में महादेव जानकर ने अहिल्याबाई जयंती मनाने की शुरूआत की। कार्यक्रम में पंकजा गोपीनाथ मुंडे, नितिन गडकरी, सांसद हेमंत पाटिल, उत्तर प्रदेश की पूर्व राज्यमंत्री श्रीमती जानकी पाल, एस.एल. अक्कीसागर, रामकुमार पाल प्रभारी उत्तर भारत नॉर्थ ईस्ट राष्ट्रीय समाज पक्ष, पाल धर्मार्थ ट्रस्ट (रजि.) के अध्यक्ष अतर सिंह पाल, चंदन सिंह पाल समाजसेवी हरियाणा को फूलों का गुलदस्ता, स्मृति चिन्ह, गुदड़ी व लाठी देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में प्रयागराज की सरकारी शिक्षिका सपना पाल ने लोकगीतों के माध्यम से देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन परिचय को प्रस्तुत किया। खचाखच भरे सभागार में प्रसिद्ध उद्योगपति रामभाई पाल, विशाल गुप्ता, मंगत राम पाल, कन्हैया पाल, काशीनाथ शेवते महाराष्ट्र, सुशील शर्मा गुजरात, शारदा शरण सिंह भूरे भाई उत्तरप्रदेश, मनोज पाल, रासेफ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरपाल, नरेंद्र सिंह सोनू, राकेश वैद्य, चमन सहित अनेक वरिष्ठ नेता व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में नरेश वाल्मीकि द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। -कुमार सुशील
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