Friday, May 31, 2024

डेडीकेशन , डिटरमिनेशन, और डिवोशन के माध्यम से क्रियाशील होना होगा : महादेव जानकर

 अपनी राजसत्ता के लिए हमे अपने राष्ट्र और  राष्ट्रीय समाज के प्रति  3 D यानी डेडीकेशन , डिटरमिनेशन, और डिवोशन के माध्यम से क्रियाशील होना होगा ।  ,

 राष्ट्रनायक महादेव जानकर राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय समाज पक्ष 







चेन्नई तमिलनाडु में दिनांक 26 मई 2025 को अखिल भारतीय बैंक ऑफ बड़ौदा ओबीसी कर्मचारी एसोसिएशन के 8वें अखिल भारतीय महासम्मेलन और  30वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रीय समाज पार्टी की तरफ से राष्ट्र नायक महादेव जी जानकर साहब मुख्य अतिथि तथा सम्मानित अतिथि के रूप में  के रूप में थिरू थोल थिरुमावलन जी  संसद सदस्य थिरु जी करुणानिधि राष्ट्रीय महासचिव आल इंडिया ओबीसी कर्मचारी महासंघ ,थिरु बालाजी विधायक तमिलनाडु, थिरु नटराजन प्रमुख संपादक मंडल वॉयस ऑफ ओबीसी , थिरू एस एल अक्कीसागर राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय समाज एम्प्लॉय फेडरेशन , थिरू कुमार सुशील राष्ट्रीय महासचिव राष्ट्रीय समाज पक्ष उपस्थित रह कर आल इंडिया बैंक ऑफ़ बड़ौदा ओबीसी एम्प्लॉय एसोसिएशन के देश भर के प्रत्येक जिले से  उपस्थित हजारों अधिकारी , कर्मचारी भाई बहनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रनायक महादेव जानकर ने अपने संबोधन में कहा की "देवियो और सज्जनो, जय भारत, आज अखिल भारतीय बैंक ऑफ बड़ौदा ओबीसी कर्मचारी कल्याण संघ की 8वीं अखिल भारतीय परिषद और 30वीं वर्षगांठ समारोह के अवसर पर मैं राष्ट्रीय समाज पार्टी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं इस संगठन के अध्यक्ष श्री अमित जादव, महासचिव श्री जॉर्ज फर्नांडिस और पूरी कार्यकारिणी को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुझे आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद देता हूं।

आप सभी आज यहां एक ऐसे समाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए इकट्ठा हुए है जिसकी पीढ़ियों ने इस देश को गढ़ने का काम सदैव पूरे ईमानदारी से किया है आज वह समाज इस देश के मूलभूत सरचना रीढ़ की हड्डी की तरह अपनी भूमिका निभा रहा है यह समाज एक दाने से हज़ार दाने पैदा करने की ताकत रखता है  यह समाज देने वाला समाज रहा है मैं इस समाज को राष्ट्रीय समाज मानता हूं क्योंकि राष्ट्र निर्माण, समाज निर्माण ही इस समाज का पुश्तैनी व्यवसाय रहा है ।   लेकिन खेद का विषय है पूरे भारत  54 % इसकी आबादी होने के बावजूद आज तक स्वतंत्र भारत में इसे अपने अधिकारों के लिए सदैव मांगने की भूमिका में ही रहना पड़ा है । यहा तक की आपके बैंक को ही देख ले आज तक एक सीजीएम आपको इस राष्ट्रीय समाज का नही बन पाया या नहीं बनाया गया । मैं अभी परभणी लोकसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रीय समाज पक्ष के उम्मीदवार के रूप लड़ रहा था । मेरा अपना अनुभव मैं आप सभी से साझा करना चाहता हूं , मुझे एक 80 वर्ष की  बुजुर्ग महिला से मिलने का मौका मिला जो मेरे प्रतिद्वंदी उम्मीदवार का विगत कई चुनावों वह उनकी कट्टर प्रचारक बन प्रचार करती थी लेकिन इसबार जब मेरे प्रतिद्वंदी उसके पास गए तो उसने निर्भीकता पूर्वक कहा की ," मैं आजतक आपका प्रचार नही करती थी आप मेरे पार्टी के सहयोगी होते थे और इसलिए मैं आपका प्रचार करती थी मैं सिर्फ अपने पार्टी ,भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करती हूं मेरे लिए मेरे पार्टी का प्रधानमंत्री बनना चाहिए यह मायने रखता है, कौन प्रधानमंत्री है यह मायने नहीं रखता । मैं उसके लिए काम करूंगी और इस बार राष्ट्रीय समाज पक्ष और महादेव जानकर हमारे गठबंधन में है ,  मैं सिर्फ महादेव जानकर के लिए प्रचार करूंगी।" क्या यह सोच हमारे समाज में है????? ....विचार कीजियेगा । ऐसे हजारों उदाहरण है । इसका मूलभूत कारण क्या है ? यह चिंतन का विषय होना चाहिए । कब तक हम मांगने वाले बने रहेंगे ... अरे हम देनेवाले समाज के बेटे है मांगनेवाले समाज से नही है हम   , एक कहावत है "जिस बाप का बेटा लायक होता है उस बाप की कद्र होती है , जिस बाप का बेटा नालायक होता है उसकी बेइज्जती होती है" हमारे पुरखे  स्वामी विवेकानंद, महात्मा ज्योतिबा फुले,नारायण गुरु, शाहूजी महाराज, महारानी अहिल्यादेवी होलकर,  पेरियार रामास्वामी, कर्पूरी ठाकुर,बीपी मंडल, विश्वनाथ प्रताप सिंह , अर्जुन सिंह जैसे सामाजिक राजनैतिक पुरोधा रहे है विचारो की क्रांति से उन्होंने इस देश को सींचा है हम सबको उनकी विरासत को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठानी होगी ।  "राष्ट्र ही देव राष्ट्र ही जाति राष्ट्र ही धर्म हमारा । राष्ट्र बने बलशाली यह भाषा सूत्र हमारा।" के सिद्धांत पर चलते हुए , हमे अपने राष्ट्र और  राष्ट्रीय समाज के प्रति  3 D यानी डेडीकेशन , डिटरमिनेशन, और डिवोशन के माध्यम से क्रियाशील होना होगा ।  मैं इस संगठन के अध्यक्ष श्री अमित जाधव, महासचिव श्री एम को धन्यवाद देना चाहता हूं .  जॉर्ज फर्नांडीस व्यक्तिगत रूप से कोषाध्यक्ष सी जयकुमार और पूरी कार्यकारिणी को धन्यवाद देते हैं।"

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