Sunday, July 9, 2023

राष्ट्रीय समाज पक्ष की देशभर मे निकलेगी जन स्वराज यात्रा -2024

राष्ट्रीय समाज पक्ष आयोजित जनस्वराज यात्रा 2024

जन के लिए 
जन के द्वारा 
जनस्वराज यात्रा

राष्ट्रीय समाज पक्ष की देशभर मे निकलेगी जन स्वराज यात्रा 


अखाड़ा दंगल का हो या सियासत का, वो विरोधियों को अपने दांव से चित करने में माहिर हैं। वो राजनीति के महारथी हैं तो राष्ट्र को महात्मा फुले के  फुलेवाद स्वामी विवेकानंद के एकात्मवाद और पुण्यश्लोक अहिल्या देवी के आदर्श राज्यकर्ता की राह पर ले जाने वाले एकमात्र सारथी भी हैं।  सियासत उनके लिए सिर्फ सत्ता पाने का जरिया नहीं बल्कि राष्ट्रीय समाज के गरीबो, मजलूमों और जरूरतमंदों तथा हाशिये पर छूट गए लोगों के उत्थान का माध्यम है।देश के राजनीति में 90 के दशक में एक नौजवान निर्भीकता पूर्वक महाराष्ट्र के कोने कोने में बिना संशाधनों के दौड़ रहा था,उसके मन मे मात्र एक विश्वास था कि विचारों के दम पर राजनैतिक प्रवाह से दूर फेके गए नौजवानों को फिर शने शने जोड़कर उन्हें सत्ता में भागीदारी दिलाना  ....ओ भी सिर्फ ओ सिर्फ विचारों के बलबूते और उसका खोया हुवा स्वाभिमान जगा कर अनेक अड़चनों से सामना करते हुए भी वह नौजवानों के भीतर स्वाभिमान, स्वावलंबन और विचारों की मशाल जगाता घूम रहा था इसी मशाल से 2003 में राष्ट्रीय समाज पार्टी का अवतरण हुवा प्रचंड इच्छाशक्ति और जीद्द के बलबूते जलती मशाल  स्वाभिमानी स्वावलंबी वैचारिक निष्ठावंत आम नौजवान राष्ट्रीय समाज पार्टी की ताकत बनने लगी। अनेकानेक नौजवानों को राजनीति में  जन्म देने वाली मातृत्व रूपी संस्था बन गयी राष्ट्रीय समाज पार्टी, जिस व्यक्ति ने ये सब संघर्षों से खड़ा किया सर्वसामान्य से प्रेम का नाता जोड़ राष्ट्रीय समाज पार्टी रूपी परिवार खड़ा किया उस व्यक्ति को आज पूरा देश सम्मान से महादेव जानकर साहब के नाम से जानता है अनेक संकटं आये प्रस्थापित विरोधीयो के साथ साथ अपनो ने भी कई बार पीछे से वार किया सब झेलते रहे! कभी पलट कर ऐसे लोगो को जवाब दिया ही नही..पर रहे सदैव चलते धैर्यवान धिरवान विरवान बनके कारण जिन्हें कभी कोई जानता नही था आज उन्हें चौक चौराहों पर नेताजी के तौर पर पहचाना जाने लगा था.. राष्ट्रीय समाज की बदौलत वे लड़ना सिख रहे थे ... कदम शने शने राजनैतिक पगडंडिओ की ओर बढ़ रहे है ... आज चुनावो फार्म भरने की कला सिख तो रहे ही थे जहाँ पहले कही किसी का झंडा उठाने, दरी बिछाने में लगे थे गुलामी का झंडा ले फिरते थे  उसे छोड़ अपना डंडा अपना झंडा, चर्चा पर्चा खर्चा अपना हो ऐसा तो कहना सिख ही गए । राजनीति में नेता तो बहुत है लेकिन राजनीति में जिनका कोई नही ऐसे नौजवानों के लिए क्रांति की मशाल जलानेवाले एकमात्र औलिया है जानकर साहब इसे कोई नकार नही सकता हम जैसे सामान्य कार्यकर्ताओ को  गढ़नेवाले कुम्भार रूपी थापों के सरताज  ‘मन से भोले महादेव लेकिन इरादों में फौलादी’ राष्ट्रीय समाज पार्टी के मुखिया और ‘साहेब’ के नाम से प्रसिद्ध है राष्ट्रनायक महादेव जानकर ..... सातारा  की क्रांतिभूमि महाराष्ट्र जहाँ महात्मा फुले, सावित्री बाई फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, वीर शिवाजी, लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर, संत तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर, बाबासाहब अम्बेडकरने जन्म लिया ऐसे जिले से निकलकर अन्याय अत्याचार और पिछड़ेपन के खिलाफ लड़ना और हक़ की आवाज बुलन्द करना आप के स्वाभाव में बचपन से शामिल था। एक सुशिक्षित इंजीनयर बनने के बाद जब आपके सहपाठी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नोकरी से जुड़कर मोटी कमाई को अपना रहे थे, तब आपका मन, मस्तिक, हृदय, राष्ट्रीय समाज के पिछड़ेपन, गरीबी, अन्याय, अत्याचार के हक़ के लिए लड़ने को ललकार रहा था । आपने अपने ऐश्वर्य की आरामदायक जीवन यात्रा को पथरीली कंकरीली अविस्मरणीय अगाथ यात्रा की ओर मोड़ दिया और इस दबे कुचले घोर गरीब बेसहारा राष्ट्रीय समाज के लिए देवो के महादेव की शिरलोबा की महायात्रा लाखो लोगो के बीच प्रण कर लिया कि आगे अब......यही राष्ट्रीय समाज मेरा परिवार है मेरे जीवन का उद्देश्य ही राष्ट्रीय समाज को उसका ऐतिहासिक गौरवशाली अतीत का वैभव दिला कर उसे याचक की बजाय पुनः राजसत्ता दिलाना है उसके लिए अब मैं.....

अब अविवाहित रहूंगा ।

किसी प्रकार के पारिवारिक रिश्ते नाते नही रखूंगा।

अब कभी घर की डयोढ़ी नही लाघुँगा।।

उपेक्षित समाज को अपेक्षित सामाजिक आर्थिक राजनीतिक भागीदारी दिलाना ही मेरे जीवन का लक्ष्य बना आज तक आप अपनी इसी परिपाटी को यथवात जारी रख कर आगे बढ़ रहे है ।।

1989 से लगातार आप कभी राष्ट्रीय समाज अधिकार यात्रा, राष्ट्रीय समाज दिन दुखी जनजागरण /अधिकार यात्रा, राष्ट्रीय समाज अधिकारी खोज यात्रा .. महान स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजो के ख़िलाफ़ आज़ादी का संगठित प्रथम विद्रोह के नायक संगोली रय्याना, महात्मा फुले जन्मगांव कटगुण जयंती, लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर जन्मगांव चौंडी जयंती, भिवड़ी में  बेडर रामोशी समाज सम्मान समारोह भारत की संसद पर धनगर गडरिया पाल बघेल कुरुबा रबारी अधिकार मोर्चा जैसे कई समाजप्रबोधन के कार्यकर्मो की आपने शुरुवात की।

आपके सिर पर वर्ष 2003 में एक सेहरा बंधा जब आपने राष्ट्रीय समाज पक्ष रूपी राजनीतिक दल की स्थापना इस देश की एकमात्र न्यायकुशल आदर्श शासिका पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्यादेवी के उदगम स्थल चौड़ी अहमदनगर में उनके जयंती कार्यक्रम 31 मई को की गई। भारत के राजनैतिक इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण अध्याय था, क्योंकि लगभग दसों दशकों से हाशिये पर जा चुके फुलेवादी  अहिल्यावादी आंदोलन को आपने शने शने पुनः पुनर्जीवित किया है। 

आपने एक आगाज़ किया और उदघोष दिया कि .... भारत में सब समान तो देश महान ..एक देश एक विधान सबको शिक्षा एक समान ...करो शिक्षा का राष्ट्रीयकरण.. मिले सबको मुफ्त चिकित्सा..हर हाथ को काम .. किसान को मिले मुफ्त बीज बिजली ओ उत्पादन लागत का दुगुना दाम ... महिलाओ को समान हिस्सेदारी ...आरक्षण का हो सही अनुपालन .....।।



  • राष्ट्रीय समाज का एजेंडा, संसद भवन में पिला झंडा।।
  • बलश्रेष्ठ तो रणश्रेष्ठ बुद्धि श्रेष्ठ सर्वश्रेष्ठ ।।
  • फुलेवाद के सम्मान में रासपा मैदान में । 
  • वोट हमारा राज हमारा 
  • राष्ट्र हमारा राज हमारा।।
  • सत्यशोधन समाजप्रबोधन राष्ट्रसंघटन
  • राष्ट्र ही देव राष्ट्र ही जाति राष्ट्र ही धर्म हमारा। राष्ट्र बने बलशाली यह भाषा सूत्र हमारा।। 
  • न्याय चाहते हो तो शासक बनो।
  • राष्ट्रीय समाज का हित फुलेवाद मे सुरक्षित।।
  • आरसपी करे पुकार पीला झंडा अपनी सरकार।।
  • भारत राष्ट्रीय समाज का । शासन भी राष्ट्रीय समाज का।
  • दुसरो के आलीशान महल की बजाय अपनी झोपड़ी अच्छी है इसपर गर्व करिये और स्वाभिमानी बनिये । 
  • संघर्ष, धैर्य, जिद्द व बुद्धिकौशल से आप राष्ट्र  ही नही अपितु संसार भी जीत सकते है।। 
  • अपयश मिलने पर प्रयत्न करना कदापि न छोड़े करत करत अभ्यास के जड़मति होते सुजान।। 
  • कौन आपसे जुड़ रहा है, कौन आपको छोड़के जा रहा है, कौन आपको गाली दे रहा है इसका विचार किये बिना आप अपने लक्ष्य ध्येय को प्राप्त करने हेतु सतत प्रयत्नशील रहे 

  • किसी की मेहरबानी पर नेता कभी नही बन सकते। अपनी भुजाओं पर सदा यकीन रखिये और आइये संघर्ष शुरू करिये
  • मुफ्त का राशन नही, हमे हमारा शासन चाहिए

54 साल की इस तपस्या में आपने न सिर्फ उत्तरप्रदेश महाराष्ट्र गुजरात कर्नाटक में फुलेवाद अहिल्यावाद स्वामी विवेकानंद के एकात्मवाद और राष्ट्रीय समाज के  दीन दुखी दुबलो के विकास का परचम फहराया है, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भारत के लगभग 17 राज्यो में  इस राष्ट्रीय समाज को एक नया मुकाम दिलाया है । महादेव जग्गनाथ जानकर की इसी व्यक्तित्व, कार्यशैली और लोकप्रियता की वजह से वह लगभग सभी वर्गो/ दलों के चहेते हैं। 

आज राष्ट्रीय समाज पक्ष प्रायोजित 

जन के लिए जन के द्वारा आयोजित जनस्वराज यात्रा  मिशन 2024 के माध्यम से आप भारत के भविष्य , मतधारको से मिलने का सुअवसर मिल रहा है आप सभी से अनुरोध है आज  प्रस्थापितो के विषमता भरी राजनीतिक मंसूबों को आप भलीभांति अनुभव कर रहे है देश प्रदेश के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक उपेक्षित वंचित राष्ट्रीय समाज को आनेवाले चुनाव में एक मौका देकर एक स्वच्छ प्रगतिशील ईमानदार आदर्श  राजव्यवस्था को लागू करने हेतु एक बार अपना सहयोग एक वोट और एक नोट के साथ अवश्य दे ।

- कुमार सुशील, राष्ट्रीय महासचिव रासप.

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