देश भक्त क्रांतिवीर गडरिया सांगोली रायन्ना
पराक्रमी महान योद्धा ,हक्का बुक्का श्रीमंतहुऐ।
इसी धरा पर सांगोली के,रायन्ना नर-कंत हुऐ ।
कित्तूर राज्य के सरदार की,अजर अमर कहानी है ।
भौतिक वादी लोगों ने ,कम समझी कम जानी है ।
राष्ट्र की खातिर फाँसी झूला ,युग पुरुष सम्मानी है ।
15अगस्त को जन्म तिथि ,26जनवरी बलिदानी है।
रानी चेनम्मा का वह , गाडरी वीर अधिकारी था ।
कुरूवा-धनगर ग्वाला , गायरी पाल बलधारी था।
अंग्रेज़ों का जानी-दुश्मन , जन जन हितकारी था ।
प्राणों से प्यारी आजादी ,राष्ट्र भक्त क्रांतिकारी था ।
घनश्याम क्यों तू भूला है,अल्हड पन नादानी में ।
गोरों के जुल्मों के कारण,आग लगी थी पानी में।
सात फुट का शूरवीर,लडा था भरी जवानी में।
लिखना क्यों भूल गया,आजादी की कहानी मे।
अंग्रेजोंं को रायन्ना ने,जमकर धूल चटाई थी ।
सन् 1831 में महायोद्धा ,ने वीर गति पाई थी ।
शत् शत् नमन वीर को, भारत भू पर जन्म लिया ।
मातृ भूमि की रक्षा हित,नाम अपना अमर किया ।
उठो जवानों उठो-उठो,क्रांति वीर का सम्मान करो ।
भारत के सजग नागरिक,मिलकर सभी गुणगान करो ।
- घनश्याम होळकर, पत्रकार भरतपूर (राजस्थान), राष्ट्रीय सहारा पत्रिका.
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-आबासो पुकळे